White मरता ना वो जी यहाँ,पुण्य बड़ा जो जीव। केवल जग की सोचता,न बहे दुखों की पीव।। खरच दे स्वयं को भी यहाँ,अगर चाहिए प्राण। अपनी चिन्ता छोड़ वो,सोचे जग की त्राण।। ©Bharat Bhushan pathak #Ratan_Tata hindi poetry on life hindi poetry sad urdu poetry