तेरा प्यार पाकर निखरने लगें हैं, तेरी ही चाहत में हम संवरने लगे हैं, तुझसे जुड़ी सारी ख्वाहिशें मेरी,तुम्हीं मेरी रुह की राहत बन गए हो। तुम्हीं मेरे मंदिर, तुम्हीं मेरी पूजा, मन का यह मंदिर तुम्हारे लिए है, सांसे भी तुम हो,धड़कन भी तुम हो,मेरे लिए मेरा जीवन ही तुम हो। 🎀🎀 नमस्ते दोस्तों ! 🎀🎀 💝 प्रतियोगिता - ४२ 💝 शीर्षक दिया गया है उसी के अनुसार ही लिखें । 💝 मात्र चार पंक्तियां में अपनी रचना को लिखें ! 4 पंक्तियां से कम या फिर ज्यादा लिखने वाले प्रतियोगिता को इस कंपटीशन मैं एक हिस्सा बनाया नहीं जाएगा ।