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आज का विचारः श्मशान से कब्रिस्तान के बीच  आबादी मे

आज का विचारः श्मशान से कब्रिस्तान के बीच 
आबादी में वोटो का आह्वान*।

मरना है तो श्मशान या क़ब्रिस्तान में थोड़े मरना है 
कितनी बार कहां-२ मरा था बस इकट्ठा कर
“अबकी बार मेरी सरकार”इसी वैन्यू पर बस आखिरीबार मिलजाना है।

जिसको जाना है मृत पड़ा है, वक्त नहीं है सब कामों को शाम से पहले निबटाना है,
मैयत पर भीड़ कितनी है रैली देखकर बोला प्रचार 
“इसे कहते हैं जग जीतकर जाना है।”

आह्वान*=पुकारना या
पूजन, यज्ञ आदि के समय देवताओं से यह कहना कि आप यहाँ आकर अपना भाग और हमारी सेवा पूजा ग्रहण करें।

 
आज का विचारः श्मशान से कब्रिस्तान के बीच 
आबादी में वोटो का आह्वान*।

मरना है तो श्मशान या क़ब्रिस्तान में थोड़े मरना है 
कितनी बार कहां-२ मरा था बस इकट्ठा कर
“अबकी बार मेरी सरकार”इसी वैन्यू पर बस आखिरीबार मिलजाना है।

जिसको जाना है मृत पड़ा है, वक्त नहीं है सब कामों को शाम से पहले निबटाना है,
मैयत पर भीड़ कितनी है रैली देखकर बोला प्रचार 
“इसे कहते हैं जग जीतकर जाना है।”

आह्वान*=पुकारना या
पूजन, यज्ञ आदि के समय देवताओं से यह कहना कि आप यहाँ आकर अपना भाग और हमारी सेवा पूजा ग्रहण करें।