Vote बड़े घरों की रौशनी की एक छोटी सी किरण का उजाला इतना ज्यादा होता हैं की ; हमारी बूढ़ी दादी जिनकी इच्छाये मर चुकी हैं उनके घर का जलता हुआ चिराग भी फीका पड़ जाता हैं, मुझे तो कही भी विकास हुआ नज़र नहीं आता है... झूठे वादे क्यूँ उम्मीदों का घर अंधेरों मे रौशन करते हैं, जिनके नहीं हैं बेटे पूछो उस बूढी माँ से उनके घर आज भी दो वक्त चूल्हे नही जलते हैं... ©Rohit Kumar #voting राजेश कुमार तुरी Chandni Khatoon