भरी भरी सी डाली की तरह, नित झरते फूलों की तरह, सड़को पर पत्तों की तोशक बिछी, सहज ही आखों को सुकून पहुंचाती, ऐ मेरे दोस्त ! न फंसना दुनियादारी की चमक में, हर सवेरे, क्यारियां आप ही खिलकर महकती हैं।। सुप्रभात। सहज रहिए, सरल रहिए... #सहजसरल #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi