सबसे प्यारी प्रशस्ति दी हमारी, कभी चहकती कभी चिल्लाती। गुस्से में गाला घोट देगे ऐसा बोल कर हम सबको डराती। हिंदी में "नमामि गंगे" बन जाती, उर्दू में खूबसूरत "हयात "कहलाती। "सफ़र" करके "मुलाकात" बन जाती। "अपनापन एक एहसास" में "फना" हों जाती ।