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बीत गया सब सावन भादव ,बीत गयी बैशाखी भी बीत गयी वो

बीत गया सब सावन भादव ,बीत गयी बैशाखी भी
बीत गयी वो आस पुरानी ,जो संग जीने को बाकी थी
बीत गया एक दौर ,नही मुस्कान लबों पर आई है
बीत गए वो बरस पुराने ,जब खुश होकर धूम मचाई है
अब बीते नही बीतते, तेरे बिन ये दिन रीते
काश बीत जाते ये दिन ,जो बिन तेरे हम है जीते

©कवि पुष्पम "पण्डित" #Love  कवयित्री पिंकी कंवर
बीत गया सब सावन भादव ,बीत गयी बैशाखी भी
बीत गयी वो आस पुरानी ,जो संग जीने को बाकी थी
बीत गया एक दौर ,नही मुस्कान लबों पर आई है
बीत गए वो बरस पुराने ,जब खुश होकर धूम मचाई है
अब बीते नही बीतते, तेरे बिन ये दिन रीते
काश बीत जाते ये दिन ,जो बिन तेरे हम है जीते

©कवि पुष्पम "पण्डित" #Love  कवयित्री पिंकी कंवर