स्वामी विवेकानंद जी के सामने एक नर्तकी ने विवाह का प्रस्ताव रखा वो चाहती थी कि उनसे उसे एक पुत्र की प्रप्ति हो जो स्वामी जी जैसा ही तेजस्वी हो ,, जवाब में स्वामी जी ने कहा कि आप मुझे ही अपना पुत्र मान लीजिए,इससे आपकी इच्छा भी पूरी हो जाएगी और मेरी साधना भी भंग नहीं होगी, ये सुनकर वो नर्तकी सब छोड़ दासी बन गई 🙏💐 ©Rao Pradeep #Nojoto #nojotohindi #Nishumishra #VivekanandThoughts