Nojoto: Largest Storytelling Platform

मन की कोमलता निरीह सम्प्रति होता तो हृद में बस रहत

मन की कोमलता निरीह सम्प्रति होता तो हृद में बस रहती
जो तुम बाहें फैला देते क्योंकर हो विदिश विकल रहती
शंकाएं मन की अनगिन सी पा नेहिल ऊष्मा जल रहती
स्कंदित पीड़ा भय भीति विपुल स्पंदन - आश्रय में ढल रहती 
बस मीठा सा मुस्का देते नयनों में ज्योति जल रहती 
तुम अंक लगा रखते प्रिय तो बोलो क्या तरल विरल रहती
माथा सहला देते रंचक लेते कपोल द्वय चूम मृदुल
अधरों पर रख देते अमृत तुममें लय निर्झर सी झर रहती
इस हृद विराट में प्रस्फुटित भावावली सजल रहती
तुम नित्य प्रकाश अविनाशी मैं चंचल किरण सरल रहती
धवल तुम्हारी दृष्टि में मैं वर्णिम सृष्टि सकल रहती
जी में सरबस सिमटा लेते तुममें अनुप्राणित घुल रहती 
 #toyou #mylove #sourceoflife #thesun #yqmoon #yqrestlessness #yqpeace #yqyouandme
मन की कोमलता निरीह सम्प्रति होता तो हृद में बस रहती
जो तुम बाहें फैला देते क्योंकर हो विदिश विकल रहती
शंकाएं मन की अनगिन सी पा नेहिल ऊष्मा जल रहती
स्कंदित पीड़ा भय भीति विपुल स्पंदन - आश्रय में ढल रहती 
बस मीठा सा मुस्का देते नयनों में ज्योति जल रहती 
तुम अंक लगा रखते प्रिय तो बोलो क्या तरल विरल रहती
माथा सहला देते रंचक लेते कपोल द्वय चूम मृदुल
अधरों पर रख देते अमृत तुममें लय निर्झर सी झर रहती
इस हृद विराट में प्रस्फुटित भावावली सजल रहती
तुम नित्य प्रकाश अविनाशी मैं चंचल किरण सरल रहती
धवल तुम्हारी दृष्टि में मैं वर्णिम सृष्टि सकल रहती
जी में सरबस सिमटा लेते तुममें अनुप्राणित घुल रहती 
 #toyou #mylove #sourceoflife #thesun #yqmoon #yqrestlessness #yqpeace #yqyouandme