White #हरसिंगार शरद रात की आगोश में फिर हरसिंगार मुस्कुराया है झिलमिल करती इनकी कलियां सुगंध कितना फैलाया है ओस की बूंदों में लिपटी जैसे कोई अल्हड़ बाला अंगारे सी इसकी डंठल जैसे प्रीत की ज्वाला बिखर जाती धरा पर ऐसे जैसे बिखरी हो ज्योति राह तकते प्रियतम की आंसुओ की मोती अंजूरी में भर कर किसी के देवालय के प्रांगण तक जाएगी गूंथ माला में कलियों के संग देवी के गले में खिलखिलाएगी भाग्य बड़ा है इसका भी पावन ऋतु में आती है चढ़ कर मां के चरणों में भाग्य पर इतराती है महज फूल नहीं ये हरश्रृंगार औषधि की है भंडार तभी तो सभी करते इतना प्यार ©Savita Suman #love_shayari #हरसिंगार