Nojoto: Largest Storytelling Platform

खुदा ने जो भी दिये गम, वो कम थे। उसने तो चाहा मेरा

खुदा ने जो भी दिये गम,
वो कम थे।
उसने तो चाहा मेरा भला,
हम नासमझ थे।

जिसकी खातिर पूरी दुनिया ने बिछाये थे पलकें,
मुझे लगा वो आयी है मेरे लिये ज़मीन पे।

मैं कितना प्यार करता हूँ उसे,
इसका एहसास भी नहीं है उसे।

न ही मेरे लिये मुमकिन है,
उसकी आँखों में देखकर इजहार करना।
और न ही कभी ऐसा होगा,
कि वो आगे बढ़कर हाथ थामेगी हमारा।

अब तो लगता है ऐसे ही कटेगी जिंदगी मेरी,
उसे ख्वाबों ख्यालों में बसाना भुल है मेरी।
ऐसा कोई पल नहीं,
जब मैनें खुद को कोसा नहीं।
#anand prakash 13th poetry

#raindrops
खुदा ने जो भी दिये गम,
वो कम थे।
उसने तो चाहा मेरा भला,
हम नासमझ थे।

जिसकी खातिर पूरी दुनिया ने बिछाये थे पलकें,
मुझे लगा वो आयी है मेरे लिये ज़मीन पे।

मैं कितना प्यार करता हूँ उसे,
इसका एहसास भी नहीं है उसे।

न ही मेरे लिये मुमकिन है,
उसकी आँखों में देखकर इजहार करना।
और न ही कभी ऐसा होगा,
कि वो आगे बढ़कर हाथ थामेगी हमारा।

अब तो लगता है ऐसे ही कटेगी जिंदगी मेरी,
उसे ख्वाबों ख्यालों में बसाना भुल है मेरी।
ऐसा कोई पल नहीं,
जब मैनें खुद को कोसा नहीं।
#anand prakash 13th poetry

#raindrops