परेशानी रही नहीं है कुछ मन उदास रहता है, अंदर सूनापन है इतना चेहरा बेवजह मुस्कुराता रहता है। दोस्त और दुश्मन अब बराबर लगते है दोनों, ये महाकाल ही जाने उसे जो करवाना रहता है।। # उदासी का माहौल