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तुम लौट तो आओ कभी , ज़िन्दगी की शाम ढल रही जल उठे

तुम लौट तो आओ कभी , ज़िन्दगी की शाम ढल रही
जल उठे हैं दिए फिर अरमानों के, सांसें छुटती नहीं 
मन बैठा चौखट पर तेरे, गिन रहा कदमों के निशां
ओ भूलने वाले ये तो बता क्या याद मेरी तुम्हें आतीं नहीं

©Savita Suman
  #तुमलौटतोआओकभी