सभी तुम्हें अपने इच्छा अनुसार परखने की कोशिश करेंगे तुम वही रहना जो तुम हो संसार ने परमात्मा को भी बाटा हुवा है और तुम अपेक्षा करते हो की वे तुम्हारा मूल होना स्वीकार करेंगे ? प्रति एक व्यक्ति तुम्हें अपने अनुसार चलने को बाध्य करता है अपने विचारों से स्वतंत्र होना तुम्हारे लिए अनिवार्य है तुम्हें कोन क्या जानता है ! क्या समझता है ! ये कितना बड़ा प्रश्न है? की जो मनुष्य अभी स्वयं को नही जानता वो तुम्हें बताता है तुम क्या हो तो सहज रहे अपने आप पर प्रश्न और अपने प्रश्न के उत्तर स्वयं दे संसार का एक मात्र औचित्य तुम्हें भटकाना है तुम्हारे अतिरिक्त तुम्हें कोई अन्य नहीं जानता तो अपने आंतरिक सुख का अनुभव करे ......✍️ प्रेरणा युक्ता ©Prerana"Yukta" #self