जिसने शब्द को पहचाना... उसने भावों का मूल्य जाना कितना मुश्किल है भावों का शब्दों में पिरोना, और एक बार जब पिरों दिये जाएं तो लगता है जैसे मन कितना हल्का सा हो गया जैसे किसी पुरानी सखी से कह डाले हो मन के सभी उधेड़बुन.... जैसे ईश्वर के समक्ष रख दी हो सारी उलझनें और खुद को कर लिया हो निश्चिंत शब्द जैसे मूर्त रूप हों भावों का ..जज्बातों का ... शब्द न होते तो कितने ही भाव अन्दर ही अन्दर मर जाते.. कितनी सी पीडाएं अर्न्तमन को खा जाती । स्वयं ईश्वर ने भी अपने स्वरूप के रुप में सृष्टि में शब्द (ॐ) को ही चुना... सुप्रभात। जिसने शब्द को पहचाना, उसने जीवन को जाना... #शब्दकोपहचाना #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi