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समन्दर माँ की ममता की गहराई न छू पाया। हजारो छन्द

समन्दर माँ की ममता की गहराई न छू पाया।
हजारो छन्द लिख दू लेकिन तुलसी की चौपाई न छू पाया।
बचपन मे पापा ने मुझे कन्धो पर इतना ऊँचा उठाया दोस्तो।
कि हवाई जहाजो से भी उडकर मे बो ऊँचाई न छू पाया।
अनिल माता पिता पर शायरी
समन्दर माँ की ममता की गहराई न छू पाया।
हजारो छन्द लिख दू लेकिन तुलसी की चौपाई न छू पाया।
बचपन मे पापा ने मुझे कन्धो पर इतना ऊँचा उठाया दोस्तो।
कि हवाई जहाजो से भी उडकर मे बो ऊँचाई न छू पाया।
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