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हर दिलासे पे बेचैनी कुछ और बढ़ जाती है ऐसा नहीं कि

हर दिलासे पे बेचैनी कुछ और बढ़ जाती है
ऐसा नहीं कि हमें ग़म ख़्वारों पे ऐतबार न हो
मगर  सहारा उनका लीजिये  क्या
तस्सलियाँ जो ख़ुद पायदार न हों

     13/12/19 
ग़म ख़्वार - sympathiser
पायदार- firm /strong
हर दिलासे पे बेचैनी कुछ और बढ़ जाती है
ऐसा नहीं कि हमें ग़म ख़्वारों पे ऐतबार न हो
मगर  सहारा उनका लीजिये  क्या
तस्सलियाँ जो ख़ुद पायदार न हों

     13/12/19 
ग़म ख़्वार - sympathiser
पायदार- firm /strong