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बासुरी बजते ही राधा मचल जाती‌ थी, विरह ने बासुरी प

बासुरी बजते ही राधा मचल जाती‌ थी,
विरह ने बासुरी पर भी मौन कर दिया,
न आशु रहे न मचलना बचा,
बेसुध सी राधा अब विरह में तपती रही।
(दिव्यतम्) #विरहाग्नी
#तपन
#प्रेम
बासुरी बजते ही राधा मचल जाती‌ थी,
विरह ने बासुरी पर भी मौन कर दिया,
न आशु रहे न मचलना बचा,
बेसुध सी राधा अब विरह में तपती रही।
(दिव्यतम्) #विरहाग्नी
#तपन
#प्रेम