नाश्वान इस संसार में जिन्दगी तेरे अनोखी अंदाज़ मेरे समझ में बाहर है, कभी सिखाए धैर्य और संयम, कभी शीतलहर तो गर्मी कहर हैं। #amरोज़ी_संबरीया कृपया अनुशीर्षक पूर्ण पढ़ें। √आज का विषय है ' जिन्दगी ' । √ आज की हमारे ' मंच प्रमुख ' है Kiran Krishna Pathak जी। √ आपको अपनी रचना दो पंक्तियों में लिखनी है।