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#PlaceOfSoul_Satlok संत गरीब दास जी की वाणी में वर

 #PlaceOfSoul_Satlok
संत गरीब दास जी की वाणी में वर्णन है कि सतलोक में कितना सुख है
मन तू चल रे सुख के सागर, जहाँ शब्द सिंधू रत्नागर।।
जहां संखो लहर महर की उपजे, कहर नहीं जहाँ कोई।
दास गरीब अचल अविनाशी, सुख का सागर सोई।।
 #PlaceOfSoul_Satlok
संत गरीब दास जी की वाणी में वर्णन है कि सतलोक में कितना सुख है
मन तू चल रे सुख के सागर, जहाँ शब्द सिंधू रत्नागर।।
जहां संखो लहर महर की उपजे, कहर नहीं जहाँ कोई।
दास गरीब अचल अविनाशी, सुख का सागर सोई।।
akashdas3502

Akash Das

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