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दुनिया के बंधनों से ये हमें आज़ाद करती है, हमारी ज़ि

दुनिया के बंधनों से ये हमें आज़ाद करती है,
हमारी ज़िंदगी में दर्द और अवसाद भरती है,
मशवरा दे रहा हूँ तुम किसी से प्यार मत करना
मोहब्बत हो गयी तो सिर्फ ये 'बर्बाद' करती है।
 
         -- डॉ. प्रशान्त मिश्रा प्यार का दर्द
दुनिया के बंधनों से ये हमें आज़ाद करती है,
हमारी ज़िंदगी में दर्द और अवसाद भरती है,
मशवरा दे रहा हूँ तुम किसी से प्यार मत करना
मोहब्बत हो गयी तो सिर्फ ये 'बर्बाद' करती है।
 
         -- डॉ. प्रशान्त मिश्रा प्यार का दर्द