हवाओं में बहेंगे घटाओं में रहेंगे तू बरखा मेरी मैं तेरा बादल पिया जो तेरे ना हुए तो किसी के ना रहेंगे दीवानी तू मेरी मैं तेरा पागल पिया हज़ारों में किसी को तक़दीर ऐसी मिली है इक रांझा और हीर जैसी ना जाने ये ज़माना, क्यूँ चाहे रे मिटाना? कलंक नही, इश्क़ है काजल पिया kalank nahi ishq , hai kajal piya ....