नया नया सफ़र शुरू किया था yq पर, ना मुझे कुछ ज्यादा पता था। है यहां पर कितने अच्छे और प्यारे इंसान, पर मुझसे हर कोई जुदा था।। थी मैं भी बहुत अकेली, बिन दोस्तों के सब कुछ सूना सूना था लगता। मैं भी लगी ढूंढने कुछ दोस्तों को, पर ना मुझे कोई भी अपना लगता।। तभी एक नाम सुझाया मिताली सखी ने, मैं भी लगी खंगालने yq पर। हुई हमारी दोस्ती पाया प्यारी सी सखी, जो राज़ करती है हर दिल पर।। शब्दों से अपने ये ऐसे भाव पिरोती, शब्द नहीं लगते जैसे है ये मोती। एक बार पढ़ो तो खो जाओ जिसमें, हर एक का ये ऐसा वर्णन करती।। बनी रहे दोस्ती हमारी ऐसे ही, देना सखी सेज़ल तुम साथ सदा हमारा। प्यार से भी प्यारा अपना रिश्ता, दो सखियों का है ये मिलन हमारा।। Dedicating a #testimonial to Poetic Sejal