तुम मेरी कीमत पूछ रहे हो? पहले तो, मिट्टी की भी भला, कोई कीमत होती है??? और दूसरा मैं ख़ाक हूं, अपनी राख का.... जिसे खरीदने की तुम्हारी औकात नहीं।।।।।।।।।।। ©Ram Yadav #अध्यात्म आज का विचार