*📝“सुविचार"*📝 🖋️*“18/12/2020”*🖋️ 🌟✨ *“शुक्रवार”*✨🌟 *“मनुष्य" में “ईर्ष्यापूर्ण" प्रवृत्ति “व्यक्तिगत" होती है* *वो केवल अपने “स्वार्थ", अपने “उधार" तक सीमित होती है* *“ईर्ष्या" ही वो “विष” है जो “व्यक्ति के मन” में न हारने की “महत्वाकांक्षाओं” को जन्म देती है* *“जीतने” की इस विवशता से ग्रसित मनुष्य “धर्म-अधर्म”,“न्याय-अन्याय,“उचित-अनुचित” का “ज्ञान” भुल जाता है,* *“संवेदना”,“करूणा” भुल जाता है* *उसे स्मरण रहता है केवल और केवल “जीतना”* *भले ही वो “छल कपट” के माध्यम से ही क्यों न हो...* *अतुल शर्मा🖋️📝📙* *📝“सुविचार"*📝 🖋️*“18/12/2020”*🖋️ 🌟✨ *“शुक्रवार”*✨🌟 #ईर्ष्यालु प्रवृत्ति #स्वार्थ