तुमसे मेरी आस रखूं की न रखूं कई सवालात मन में रखूं, ना रखूं चखा अक्टूबर का तीखा जो स्वाद मन की कुछ प्यास रखूं, ना रखूं आरजू कुछ और थी, अब शिथिल जैसा हूं वैसा अंदाज रखूं, ना रखूं तू देगा हर पल साथ यकीं तो है मेरे बस की ये बात रखूं, ना रखूं नमस्कार लेखकों🌸 आज के #rzdearcharacters में हम लेकर आये हैं #rzप्रिय_नवंबर। नवंबर माह सर्दियों की शुरुआत का संदेश है। मद्धम हवाओं में घुली रातरानी की महक से सराबोर रातें और अदरक वाली चाय से जगी हुई सुबह का अनूठा संगम है हमारा नवंबर। Collab करें हमारे इस खास पोस्ट पर और अपने विचार प्रकट करें।