मेरी तन्हाइ मेरा अक्स है, जो मुझसे कभी ये भी कहती है, मेरे अन्दर कब झाँकोगे, मैं तो हमेशा से तुम्हारा ही हूँ, कभी तुम मेरे पास होते हो, कभी मुझसे दूर जाते हो, खैर तुम मुझे जानते तो हो ही, चलो इसी बहाने तुमने मुझे याद तो किया, सपने देखते हुए भी ऐसा ही होता है, कुछ साफ कुछ धुन्धला होता है, तो अब तुम मुझे जान गये हो, कि मैं रहूँगा बस तुम्हारे साथ, तुम्हारा साया तुम्हारा हमदम बनकर... ©Rangmanch Bharat #rangmanchbharat #sheroshayari #merishayari #muktak #muktak #soundaryabodh #nojoto #nojotostar #nojotoshayari #agni