ख़ुशी और ग़म जब आप कुछ सोचते हो और पुरा हो जाता है तब आप बहुत ही खुश होते हो और जब सोची हुई बात पुरी ना हो तो बहुत दुख होता है। यहाँ ग़लती आपकी है, क्योंकि आप ने कुछ आशा किया जो पुर्ण ना होने के कारण आपको दुःख दिया। आशा निराशा का कारक है।