इन्ही मंजिलो से शुरु किया था सफर अपनी मंजिल को पाने का साल बीत गये वहा से लोटे हुए स्वाद नही भूले वहा के खाने का दोस्तो से भरा हुआ था ये घर जो करते थे एक दूजे की कदर सोचा था अब सपने साकार होंगे वापिस आने को सब तैयार होंगे बड़ी नौकरी वाले सारे यार होंगे पर यहा से निकल कर हर सपना जैसे टूटा है इन मंजिलों से क्या दूर हुए सब यारो का साथ छूटा है क्या घर बनाऊ मैं अपने पैसो का मेरे सपनो का महल बहुत पहले मुझसे छूटा है ©LovingLyrics #कोटा #kota #KOTADIARIES #hostel