नारी की दशा (अनुशीर्षक में पढ़ें) नारी की दशा देश हमारा चाहे हो गया है स्वतंत्र नारी की दशा है वही, वो अब भी है परतंत्र उसे तो पैदा भी नहीं होने दिया जाता आज़ादी तो है दूर की बात,