मुझमे ख़ुद को इस क़दर ढूंढते है , मेरी कहानी का ही क़िरदार हो जैसे । बातें में अब उसके पहले वाली बात नहीं , दीमक लगी कोई पुरानी अख़बार हो जैसे । मुकर तो आजकल वो यूँ जाते है वादों से , कोई बिकाऊ सरकार हो जैसे । वो आज़कल बड़ा अनसुना करते है , मेरी बातें ही बेकार हो जैसे । उसने मेरे तोहफों को घर के कोने में रखा है , तोहफ़े नही कोई कबाड़ हो जैसे । हर बात पर काटने को दौड़ते है अब , जंग से लौटी हुई कोई तलवार हो जैसे। उसने लबों को छूने से इस क़दर मना कर दिया , हमारे बीच ये सब पहली बार हो जैसे । अब तो यूँ शिकायतें करने लगे है हमारी , हम लुटेरों के सरदार हो जैसे । :- Raj Kishor Singh:- ham hi bekar ho jaise #nojoto #hindi #sarkaar #quoteoftheday POOJA BARNWAL