अब रोजमर्रा के काम में लग गया अपने दोस्त की बहन की शादी के लिए आया था अपने सारे कपड़े प्रेस के लिए दे दी है ताकि शादी में अच्छे कपड़े भी तो पहने थे एक भांजे की ड्रेस भी लेकर गया था जो उसे पसंद आई थी दीदी मुझे बहुत अच्छी लगी है इसे मैं पहन लूंगा तो उसको भी अच्छी तरह इस्त्री के लिए कह दिया मैं शादी में तो पहनना है अब वह दोस्त के घर में काम में हाथ बटाने लगा अब रोज लेट आने लगा मां घर पर इंतजार करती तो मां को कहता मां मत किया कर मेरा इंतजार कब तक करोगे। मां कहती है कि जब तक जिंदा हूं तब तक तो करूंगी ना मैंने कहा चल बेटा खाना खा ले बेटे ने कहा आपने अभी तक खाना नहीं खाया पापा ने भाई भाभी सब ने खाना खा लिया तो मैंने कहा मैं तेरा इंतजार कर रही थी चल एक काम कर मैं खाना खाकर तो आया हूं लेकिन तू इंतजार मत किया कर मेरा दोनों एक दो ग्रास खा लेता है। रात को मां से कहता है मां तूने जिंदगी में कभी सुख नहीं पाया तूने कभी अपने लिए कुछ नहीं किया देखते पास आलमारी भी नहीं है ना कपड़े रखने के लिए सबके पास अपनी-अपनी है तो मैंने है जो अलमारी देखी है ऑर्डर के लिए भी दे दिया है और तेरे लिए आ जाएगी और मैंने भी एक बेड के लिए कहा है जो गोल वाला बेड होगा ना वह बनवा लूंगा और मां तूने कभी भी अपने लिए कुछ नहीं किया ना गहनें पहने तो मैंने तेरे लिए गहने बनाने का भी सोचा है मां ने कहा बेटा तू ही मेरा गहना है और मुझे क्या चाहिए फिर उसने कहा नहीं मां कुछ तो तेरे लिए करूंगा ऐसे बात करके सो जाते हैं दूसरे दिन उसे अचानक ऐसा लगता है कि उसकी तबीयत खराब हो रही है देर तक सोता रहा मां को चिंता हुई मां ने कहा बेटा तू अभी तक जागा नहीं चल नहा लें और दूध और लड्डू खा लें आगे की कहानी अगले भाग में
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