ख्वाब जो दिखाए, चुनावी घोषणा को लेके धीरे धीरे तुम उसे, भूल जाने लगे हो। करना है,कितना और बर्बाद करोगे प्रेरकों के दिल से तुम कब तक खेलोगे जो हमे धोखा दे ऐसे तरशाओगे। बढ़ा पछताओगे....... साक्षरता प्रेरक साक्षरता