Nojoto: Largest Storytelling Platform

शिकायतें बहुत थी मगर, बताना मुनासिब न था। लफ़्ज़ों क

शिकायतें बहुत थी मगर,
बताना मुनासिब न था।
लफ़्ज़ों की कमी न थी ,
मगर अल्फ़ाज़-ए-बयां मयस्सर न हुआ।।
लोग कहते,
हर बार चुप रहना अच्छा नहीं होता,
मगर हर बात का जबाब दें 
ऐसा फ़िजूल वक़्त नहीं होता।।

©BINOदिनी #Woman
शिकायतें बहुत थी मगर,
बताना मुनासिब न था।
लफ़्ज़ों की कमी न थी ,
मगर अल्फ़ाज़-ए-बयां मयस्सर न हुआ।।
लोग कहते,
हर बार चुप रहना अच्छा नहीं होता,
मगर हर बात का जबाब दें 
ऐसा फ़िजूल वक़्त नहीं होता।।

©BINOदिनी #Woman