शिकायतें बहुत थी मगर, बताना मुनासिब न था। लफ़्ज़ों की कमी न थी , मगर अल्फ़ाज़-ए-बयां मयस्सर न हुआ।। लोग कहते, हर बार चुप रहना अच्छा नहीं होता, मगर हर बात का जबाब दें ऐसा फ़िजूल वक़्त नहीं होता।। ©BINOदिनी #Woman