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वोह दो पल मेरे लिए तो दो जहाँ थे।।। उससे पहले न जा

वोह दो पल मेरे लिए तो दो जहाँ थे।।।
उससे पहले न जाने हम दोनों कहाँ थे।।।
मिलोगे फिर कब युहीं ये बताओ सनम।।।
खड़े हैं राह में आँखे बिछाएं हम यहाँ थे।।। वो वादा इक़ मुलाक़ात का क्या अब भी याद है?
मिलने की तारीख़ लिख़ भेजना तुमसे फ़रियाद है।



#hindipoetry
#quoteoftheday
#nazarbiswas
वोह दो पल मेरे लिए तो दो जहाँ थे।।।
उससे पहले न जाने हम दोनों कहाँ थे।।।
मिलोगे फिर कब युहीं ये बताओ सनम।।।
खड़े हैं राह में आँखे बिछाएं हम यहाँ थे।।। वो वादा इक़ मुलाक़ात का क्या अब भी याद है?
मिलने की तारीख़ लिख़ भेजना तुमसे फ़रियाद है।



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