जींदगी थी कब्र सुधी नी मुसाफरी जींदगी भगवाने आपी छे जीवी जान मानव तारुमारु करी ने तु मतभेद करीस नहीं.... जींदगी थी कब्र सुधी नी मुसाफरी मांथी दरेके पसार थवानु होय छे...... तु सु लाव्यो तो सु लइ ने जए ,जायरे तु खाली हाथ लाव्यो जयारे तारो देह ठंडो पडशे काम करवानु बंद करशे तारे कंइज काम नहीं लागे तारो देह मृत हशे त्यारे तारा शरीर परथी सफेद कफन पन हटावी देशे. माट जेटलु मळे छे तेने त्याग करी ने भोगव जींदगी थी कब्र सुधी नी मुसाफरी मांथी दरेके पसार थवानु होय छे........ आ मिलकत अने पैसा जायदात कोइ नी छे नही ने थवानी नथी ने छेल्ले तारो सहारो बने तारा कमँ अने सफेद कफन जे हकीकत है कि जिंदगी थी कब्र सुधी नी मुसाफरी मांथी दरेके पसार थवानु होय छे.....