शुभ दीपावली दिल दुःखता है दीपावली के नाम पर खर्च करते हुऐ जब देखती हूँ, गरीब बच्चों को कूङे के ढेर में खुशियां ढूंढते हुऐ कोई समझाये हमारी सरकारों को सरयू के तट पर लाखों दीप जलाने से देश का भविष्य उज्जवल हो नहीं सकता जो ढूंढ रहा है कूङे की ढेर में अपनी खुशियों को, उन बच्चों के लिए दीपावली रोशनी का त्योहार नहीं बनता चंद मिठाईयों के लिए ना जानें छाट दिये कितने ढेरों को , ना जानें फैलायें कितनी बार हाथों को इनके लिए दीपावली उपहारों का त्योहार नहीं बनता समझयों हमारी सरकारों को,ईश्वर का वैभव बढनें से बिमारी का ईलाज नहीं बनता ! -nisha nik''ख्याति'' #Diwali think about