बाप की दुआ से सबकुछ सलामत है किसी से गिला है न शिकायत है इनायत उसकी, इबादत अपनी, दौलत यही उसने जो दिया पैग़ाम वही अमानत है किसी भी हाल में तंगदिली का शिकार नहीं मैं उसका प्यार करे हिफ़ाज़त और रखे महफ़ूज़ बस मैं दिल से जीऊँ, यही चाहत है # बाप की दुआ