है इनका किरदार अति पावन, प्रमुख पात्र है ये महाभारत के। महाराज प्रतीप के पुत्र ये, कहानी है ये हस्तिना पुर महाराज के।। अति बलशाली, अति वीर थे, पावन हृदय कोमलता का पहचान। देवी गंगा संग विवाह किए, पाया पुत्र देवव्रत सा महान।। तोड़ दिए जब प्रतिज्ञा गंगा का, पुत्र संग तब हुई अदृश्य। तन्हाई दुखों में जीवन काटें, याद आने लगा बीते दृश्य।। वर्षों बाद गंगा अाई वापस, पिता को पुत्र की धरोहर सौंप दी।। पुत्र को पा हुए ख़ुश, पर कमी खलने लगी जीवन संगिनी की। गंगा के किनारे बैठे तट पर, देख सत्यवती को ये हुए मोहित। रोज जाकर उन्हें निहारने लगे, विवाह करने को हुए इक्छित।। सत्यवती के पिता की शर्ते थी कि उनका पुत्र होगा गद्दी पर आसित पर था यह बड़ा प्रण, पर पुत्र मोह में ना दे पाएं यह वचन।। अब अाई वचन निभाने की बारी पुत्र की, किया उसने प्रतिज्ञा भीष्म। आजीवन ब्रह्मचारी रहूंगा, तब देवब्रत से हुआ उनका नाम भीष्म।। पुत्र प्रेम से भावुक होकर, दिया भीष्म को इच्क्षा मृत्यु का वरदान। किए सत्यवती से फ़िर विवाह, हुआ पूर्ण फ़िर इनका प्रेम प्रसंग।। पाया महाराज शांतनु ने, चित्रांगद और विचित्रवीर्य पुत्र को। कथा इनकी गौरवशाली, याद करेगा जग युगों युगों तक शांतनु को।। #yqbaba #yqdidi #myquote #openforcollab #collabwithmitali #mahabharat_charitra #maharaj_shantanu Ladies First. Time limit till 10:00pm tonight... No word limit You have to maintain these hashtags Kindly keep the bell icon on to get recent updates... Results will be out tomorrow along with new topic...