चंद अल्फाजों को बुनते-बुनते दिल की आवाजों को सुनते-सुनते कभी तारीखों को गिनते-गिनते कभी यादों में खुद को रंगते-रंगते एक अरसा गुज़र गया एक अरसा गुज़र गया । कभी हर पल को बनाया एक नूर सा