कश्ती जो तूफा में घिरेगी मेरी गर्दन हर गिज़ न झुकेगी मेरी मै हस्तिये तूफा को मिटा डालूंगा या कब्र समंदर में बनेगी मेरी रहमानी साहब कामरान रहमनी साहब