मध्यम वर्गीय परिवार के लड़के सबकी परवाह करते हैं पर ख़ुद के लिए सोचने का समय नहीं है। बहन-भाई की हर ज़रूरत का ख़्याल रखना है, घर की हर छोटी बड़ी ज़रूरत को पूरा करते हैं, ख़ुद के लिए सपने कहां देख पाते हैं... हां पिता के सपने पूरे करने की चाह बहुत रखते हैं। सोशल मीडिया के इस जमाने में अपने लिए ख़त के इंतजार में रहते हैं, प्यार और फ़र्ज़ में से हमेशा फ़र्ज़ कि सुनते हैं। उम्र से पहले घर की जिम्मेदारियों को संभाल लेते हैं, मां का रसोई में हाथ बढ़ाकर उन्हें अपना संस्कारी बेटा होने का फ़र्ज़ बता देते हैं। बस अपने प्यार को ही यूं ही जता देते हैं ख़ुद के लिए कहां सोचते हैं, महीने भर की तनख़ा से पहले ही सामान की उधारी चुकानी है इस बारे में पहले ही सोच लेते हैं। जब तक कामयाबी (नौकरी) नहीं मिल जाती जिंदगी जीते तो है पर अपनों के ताने सुन सुनकर पक जाते हैं। जेब से ग़रीब ही सही पर दिल के बहुत अमीर होते हैं। मन में हजारों परेशानियां लिए रहते हैं पर चेहरे पर हमेशा मुस्कान बनाए रहते हैं, ख़ुद के अंदर कितना गुस्सा ये कहां जताते हैं, अंदर ही अंदर घुटते जाते हैं। मेहनत के पक्के बस अपनी तक़दीर (किस्मत) के तो मारे हैं, जिम्मेदारियों के बोझ तले अपने लिए कहा जी पाते हैं।उम्र से पहले ही बड़े हो जाते हैं ये मध्यमवर्गीय परिवार के लड़के ©purvarth #मध्यम वर्गीय परिवार के लड़के