तुम्हें लौटाना था जिनको तुम्हारे आने के बाद वो सारी निशानियाँ इन दिनों मिटा रहा हूँ बसाया था तुम्हारे नाम से एक शहर जो अंदर वहां याद की एक एक बस्ती जला रहा हूँ 30/10/21