देखा नहीं आपको कभी फिर भी पास सदा मैंने पाया है, आशीर्वाद इस लोक से नहीं शायद आप ने उस लोक से मुझ पर बरसाया हैं, एक चाहत एक ख्वाहिश अधूरी रही ना दादी की लोरी सुनी ना दादा कि गोद में खेली, वो प्यार स्नेह जो दादा दादी से पाती वो कभी किस्मत से मंजूरी नहीं थी, खलती रही हर कदम आपकी कमी मैं खुद को बदकिस्मत समझती रही, प्यार पा ना सके आप दोनों का शायद रब ने भी तकदीर मेरी अधूरी लिखी, काश उनको भगवान दुर नहीं करते कितना अच्छा होता अगर वो साथ होते, देखा नहीं कभी दादाजी आपको ना कभी आपका प्यार और स्नेह पायी, पर सबसे सुना बहुत अच्छे इंसान थे हर रिश्ते हर इंसान का रखते मान थे, माँ बताती हैं अपनों को ही नहीं आपके जाने से सबको लगे आघात थे, आपकी जगह तो किसीको नहीं दे सकती पर जब कोई बुजुर्ग सिर पर रखे स्नेह का हाथ, तो आँखें भर जाती हैं पाकर किसी दादाजी का सानिध्य और आशीर्वाद। ©Priya Gour इंसान कितना भी उच्च स्तर का हो या निम्न स्तर का हो, चाहे वो धनवान हो या बलवान हो ईश्वर के आगे किसीकी नहीं चलती 🙏 lines kuch perfect na ho pr feelings perfect h ❣️ dadaji❣️ #deargrandparents #20sept 7:33 #myfeelings #realityoflife