ना धन ना दौलत ना ज़मीन आसमाँ चाहिए तू मिल गयी तू काफ़ी है उम्र भर के लिए मेरी जान जलेबी अब तेरे सिवा और क्या चाहिए शुगर लेवल चाहे जितना बढ़ जाए सह लूँगा इंजेक्शन पर भी रहना पड़े रह लूँगा मरते मरते भी तू होटों से जुदा ना हो कभी पीरों औलियाओं मज़ारों से बस यही दुआ चाहिए, तू मिल गयी तू काफ़ी है उम्र भर के लिए मेरी जान जलेबी अब तेरे सिवा और क्या चाहिए, रचनाकार जलेबी प्रेम में सराबोर नौशाद सदर ख़ान जलेबी प्रेम