बाबा विश्वनाथ की नगरी में नित भक्ति दीप जलाता हूं। मां गंगा की अविरल धारा में नित अपना शीष नवाता हूं , भारत के जो अनमोल रत्न है कर्मठ ज्ञानी महामना जी , उनके ही शुभ कर्मों से ही मैं इस बी एच यू को पाता हूं।। ©Kavi Shyam Pratap Singh #poem #Nojoto #BHU #Madan_mohan_malviya Darshan राaj...✍️ Pankaj Singh