धता जता कर जुदा हुए यूं खता हमारी बता ही जाते, रही ये उलझन और कशमकश भी खफा हुए क्यों गिना ही जाते, मेरी रजा भी थी उसमें शामिल सजा ए उल्फत सुना ही जाते, कहां तलक कोई साथ चलता सांसों में ये गुनगुना ही जाते। प्रीति #धता जान बूझकर किनारे कर गये हमसे उम्मीदों के ठौर ठिकाने न रहे...... #yqbhaijan #yqdidiquotes #factsoflife