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White समा जाए रोम-रोम में श्वास-श्वास महक जाए प्रा

White समा जाए रोम-रोम में
श्वास-श्वास महक जाए
प्राण खिल उठे!
मानो जैसे चख लिया हो अमृत जी भर के..

प्रेम है तुमसे...
क्या इतना कहना भर काफ़ी 
मान लेने को..
कि प्रेम का पदापर्ण हो गया 
जीवन में..

कहना-सुनना 
क्या सचमुच ज़रूरी..?

बग़ैर कहे जो समझ में आये
बस दिल में उतर आए हौले से...
वही तो है प्रेम!

©Andy Mann
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