दुर्योधन संवाद ऐ दुर्योधन तू सोच किस मद में था माधव को बांधने चला कुछ हद में था सत्य को छोड़ तू अफवाह के पद में था सत्ता चाहने के उम्मीद मदमस्त में था एक तनिक आध भूमि के अध में था माधव को बांधता जीवन तेरा गर्त में था शकुनी तो छलिया तू उसके ही शर्त में था करुण वंश कौरव देखो कब तेरे पक्ष में था ऐ दुर्योधन तू सोच किस मद में था मधुसूदन को बांधने चला तू कुछ हद में था अब सोच तुम ऐ धृतराष्ट्र पुत्र गुरु द्रोण का विद्या तेरे किस सर्ग में था बांध पितामह की जटिल प्रतिज्ञा को विदुर को रुलाना तेरे किस वर्त में था ऐ दुर्योधन तू था भले विद्वान सही तेरा मनभाव किसके लिए मदमस्त में था माधव को बांधने चला तू कुछ हद में था ऐ दुर्योधन तू सोच किस गुमानी मद में था ©Deependra jha #krishan #Duryodhana