शाम की दस्तक़ दिए का जलना महकती रातों में चाँद का खिलना ख़ुशबू यों कि तुम्हारी साँसों सी छेड़ती है हवा तुम्हारी बातों सी भींच लेती हैं मुझे तुम्हारी तरह दीवानगी तुम्हारी यादों की आँखें रोतीं हैं ख़्वाब भीगें हैं ख़बर है भी तुम्हें बरसातों की बात कहने के नए-नए तरीक़े हैं गुर ये ठीक से न हमने अभी सीखें हैं व्हाट्सअप, मैसेंजर, स्नैपचैट नहीं भातें जानते हो मुख़ातिब भी कह नहीं पातें बिन तुम्हारे, दिल! सच रह नहीं पातें जानते हो तो क्यों चले नहीं आते आके लबों से खोमोशियाँ चुन भी लो गीत धड़कन की धुन पे गुन भी लो बुझा दो दिए, आँखों में उजाला रख दो चाँद! रात के लब पे वही प्याला रख दो हाथों में नर्म हाथ तुम्हारा रख दो आँचल में हमारा प्यार प्यारा रख दो कोरे ख़त के ज़वाब में गुलाब भेजा था रुख़सारों पे वो ज़वाब दुबारा रख दो सोचती हूँ मिलाऊँ फ़ोन दिल की तुमसे कहूँ दूरियाँ तुमको ये कैसे है गँवारा कह दो #toyou #yqlove #yqmoon #yqwaitingfor #yqrestlessness